Section 23 of RTI Act : अनुच्छेद 23: न्यायालयों के अधिकार क्षेत्र की रोक

The Right To Information Act 2005

Summary

अनुच्छेद 23 के अनुसार, कोई भी सामान्य न्यायालय सूचना का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत किए गए किसी आदेश के संबंध में कोई वाद, आवेदन या कार्यवाही नहीं सुन सकता। इस प्रकार के आदेश को केवल अधिनियम में दिए गए अपील प्रक्रिया के माध्यम से ही चुनौती दी जा सकती है।

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Explanation using Example

कल्पना करें कि श्री शर्मा ने एक सरकारी विभाग से कुछ जानकारी प्राप्त करने के लिए सूचना का अधिकार (RTI) अनुरोध दायर किया। जन सूचना अधिकारी (PIO) ने उनके अनुरोध को अस्वीकार कर दिया। फिर श्री शर्मा ने RTI अधिनियम के तहत प्रथम अपीलीय प्राधिकरण से अपील की, लेकिन उनकी अपील भी अस्वीकृत कर दी गई। श्री शर्मा इस निर्णय से असंतुष्ट हैं और इसे आगे चुनौती देने पर विचार कर रहे हैं।

सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के अनुच्छेद 23 के अनुसार, श्री शर्मा सीधे सिविल कोर्ट में PIO या प्रथम अपीलीय प्राधिकरण द्वारा किए गए निर्णय को चुनौती नहीं दे सकते। इसके बजाय, उन्हें RTI अधिनियम में उल्लिखित अपील प्रक्रिया का पालन करना होगा, जिसमें मामले के अनुसार राज्य या केंद्रीय सूचना आयोग में अपील करना शामिल हो सकता है। यह प्रावधान सुनिश्चित करता है कि RTI से संबंधित विवाद अधिनियम के भीतर निर्दिष्ट तंत्रों के माध्यम से हल किए जाएं न कि नियमित न्यायालय प्रणाली के माध्यम से।