Section 15 of LA : अनुभाग 15: कुछ अन्य मामलों में समय का अपवर्जन
The Limitation Act 1963
Summary
इस अनुभाग में यह प्रावधान है कि जब वाद की सीमा अवधि की गणना की जाती है, तो कुछ विशेष परिस्थितियों में समय की गणना से बाहर रखा जा सकता है। जैसे कि न्यायालय के आदेश से रोके गए समय, सरकार या अन्य प्राधिकरण से सहमति लेने में लगे समय, दिवालियापन या परिसमापन की प्रक्रिया में लगे समय, बिक्री को चुनौती देने की प्रक्रिया में लगे समय, और जब प्रतिवादी भारत के बाहर हो, उस समय को सीमा अवधि में नहीं गिना जाएगा।
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Explanation using Example
अनुभाग 15(1) का उदाहरण: मान लीजिए कि रिता को अपने पड़ोसी के खिलाफ संपत्ति विवाद का वाद दायर करना था, लेकिन अदालत ने वाद दायर करने से रोकने के लिए 6 महीने की निषेधाज्ञा जारी की। अगर वाद दायर करने की सीमा अवधि 3 वर्ष थी, तो निषेधाज्ञा के प्रभावी रहने वाले 6 महीने इस अवधि से बाहर रखे जाएंगे। इसलिए, रिता को वाद दायर करने के लिए कुल 3 वर्ष और 6 महीने मिलेंगे।
अनुभाग 15(2) का उदाहरण: अगर अरुण को किसी सरकारी विभाग पर मुकदमा दायर करना है लेकिन कानून के अनुसार वाद दायर करने से पहले 2 महीने की सूचना देनी होती है, और ऐसे वाद की सीमा अवधि 1 वर्ष है, तो 2 महीने की सूचना अवधि 1 वर्ष की सीमा में नहीं गिनी जाएगी। अरुण को वाद दायर करने के लिए प्रभावी रूप से 1 वर्ष और 2 महीने मिलेंगे।
अनुभाग 15(3) का उदाहरण: मान लीजिए कि एक कंपनी को समाप्त किया जा रहा है और एक परिसमापक को 1 जनवरी को नियुक्त किया गया है। अगर परिसमापक को कर्ज की वसूली के लिए वाद दायर करना है, और सीमा अवधि 3 वर्ष है, तो परिसमापक की नियुक्ति के 3 महीने बाद तक की समय अवधि को सीमा अवधि से बाहर रखा जाएगा।
अनुभाग 15(4) का उदाहरण: अगर करण ने डिक्री के निष्पादन के दौरान नीलामी में एक संपत्ति खरीदी और कोई अन्य व्यक्ति बिक्री को अदालत में चुनौती देता है, तो उस चुनौती के समय (अंतिम निर्णय तक) को करण के संपत्ति के कब्जे के लिए वाद दायर करने की सीमा अवधि से बाहर रखा जाएगा।
अनुभाग 15(5) का उदाहरण: यदि सुनीता को डेविड के खिलाफ वाद दायर करना है, जो वर्तमान में भारत के बाहर रह रहा है, तो जिस अवधि के दौरान डेविड विदेश में है, उसे सीमा अवधि में नहीं गिना जाएगा। यदि सीमा अवधि 2 वर्ष है, और डेविड 1 वर्ष तक भारत के बाहर है, तो सुनीता को वाद दायर करने के लिए कुल 3 वर्ष मिलेंगे।