Section 117 of BSA : धारा 117: विवाहित महिला द्वारा आत्महत्या के उकसावे की धारणा।

The Bharatiya Sakshya Adhiniyam 2023

Summary

यदि कोई महिला अपनी शादी के सात साल के भीतर आत्महत्या करती है और यह दिखाया जाता है कि उसके पति या उसके रिश्तेदारों ने उसे क्रूरता का सामना कराया है, तो न्यायालय यह मान सकता है कि उसके पति या उसके रिश्तेदारों ने उसकी आत्महत्या में मदद की। "क्रूरता" का अर्थ भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 86 के समान है।

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Explanation using Example

उदाहरण 1:

प्रिया की शादी 2020 में राजेश से हुई। दुर्भाग्यवश, प्रिया ने 2025 में आत्महत्या कर ली, जो उनकी शादी के पांच साल के भीतर थी। जांच के दौरान, यह पता चला कि प्रिया को राजेश और उसकी माँ द्वारा लगातार मौखिक और शारीरिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ा था। प्रिया के परिवार ने उसके कष्ट के सबूत प्रस्तुत किए, जिसमें चिकित्सा रिपोर्ट और गवाहों की गवाही शामिल थी। भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 की धारा 117 के तहत, न्यायालय यह धारणा कर सकता है कि राजेश और उसकी माँ ने प्रिया की आत्महत्या का उकसावा किया था क्योंकि उसने शादी के सात साल के भीतर क्रूरता का सामना किया था।

उदाहरण 2:

अनिता की शादी 2018 में सुरेश से हुई। 2023 में, अनिता मृत पाई गई, जिसने आत्महत्या की थी। उसके दोस्तों और परिवार ने गवाही दी कि अनिता को सुरेश और उसकी बहन से गंभीर मानसिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा था, जो लगातार दहेज की मांग करते थे और उसे अपमानित करते थे। उत्पीड़न के सबूत के रूप में टेक्स्ट संदेश और ईमेल प्रस्तुत किए गए। चूंकि अनिता की आत्महत्या उसकी शादी के सात साल के भीतर हुई थी और उसने क्रूरता का सामना किया था, न्यायालय, भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 की धारा 117 के तहत, यह धारणा कर सकता है कि सुरेश और उसकी बहन ने उसकी आत्महत्या का उकसावा किया था।