Article 380 of CoI : अनुच्छेद 380: राष्ट्रपति के संबंध में प्रावधान: हटाया गया।
Constitution Of India
Summary
संविधान (सातवां संशोधन) अधिनियम, 1956 द्वारा अनुच्छेद 380 को हटा दिया गया, जो 1 नवंबर 1956 से प्रभावी हुआ। इसका अर्थ है कि अनुच्छेद 380 के तहत कोई भी प्रावधान अब लागू नहीं है।
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Explanation using Example
उदाहरण 1:
परिदृश्य: एक विधि छात्र भारत के राष्ट्रपति के अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में संविधान में उल्लिखित जानकारी की खोज कर रहा है। वह अनुच्छेद 380 पर आता है और इसे "हटाया गया" के रूप में चिह्नित पाता है।
व्याख्या: छात्र को पता चलता है कि अनुच्छेद 380 मूल रूप से संविधान का हिस्सा था लेकिन इसे संविधान (सातवां संशोधन) अधिनियम, 1956 द्वारा हटा दिया गया। इसका मतलब है कि अनुच्छेद 380 के तहत जो भी प्रावधान या नियम थे, वे अब प्रभावी नहीं हैं और राष्ट्रपति के वर्तमान अधिकारों और कर्तव्यों का अध्ययन करते समय उन्हें ध्यान में नहीं रखा जाना चाहिए।
उदाहरण 2:
परिदृश्य: एक इतिहासकार भारतीय संविधान के विकास पर एक पुस्तक लिख रहा है और पुराने कानूनी ग्रंथों में अनुच्छेद 380 के संदर्भ पाता है। वह इसके विषयवस्तु और प्रासंगिकता के बारे में जिज्ञासु है।
व्याख्या: इतिहासकार को पता चलता है कि अनुच्छेद 380 को संविधान (सातवां संशोधन) अधिनियम, 1956 द्वारा 1 नवंबर 1956 से प्रभावी रूप से हटा दिया गया था। यह हटाना दर्शाता है कि अनुच्छेद को अनावश्यक या अप्रासंगिक माना गया और इसे संविधान को सरल बनाने के लिए हटा दिया गया। अब इतिहासकार यह समझने पर ध्यान केंद्रित कर सकता है कि संशोधन क्यों किया गया और इसने संविधान की संरचना को कैसे प्रभावित किया।