Section 32 of SMA : अनुच्छेद 32: याचिकाओं की सामग्री और सत्यापन

The Special Marriage Act 1954

Summary

हर विवाह संबंधित कानूनी कार्रवाई के लिए याचिका में स्पष्ट रूप से यह बताया जाना चाहिए कि क्यों कानूनी मदद चाहिए और यह पुष्टि भी होनी चाहिए कि पति-पत्नी के बीच कोई गुप्त सहमति नहीं है। याचिका में दिए गए तथ्यों का सत्यापन आवश्यक है और ये अदालत में साक्ष्य के रूप में उपयोग हो सकते हैं।

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Explanation using Example

कल्पना करें कि एक दंपत्ति, जॉन और जेन, जिन्होंने विशेष विवाह अधिनियम के तहत विवाह किया था। कई वर्षों के बाद, वे असंगत मतभेदों के कारण तलाक के लिए याचिका दायर करने का निर्णय लेते हैं। जॉन अध्याय VI के तहत तलाक के लिए याचिका दायर करते हैं। अपनी याचिका में, जॉन स्पष्ट रूप से तलाक के लिए कारण बताते हैं, जैसे कि अनुकूलता की कमी और लगातार असहमति। वह यह भी पुष्टि करते हैं कि उनके और जेन के बीच कोई मिलीभगत नहीं है, जिसका अर्थ है कि वे तलाक के आधार को किसी भी गुप्त उद्देश्यों के लिए गढ़ने या हेरफेर करने की साजिश नहीं कर रहे हैं। जॉन के याचिका में दिए गए बयानों का कानून के अनुसार सत्यापन किया गया है, जैसे कि कोई वादी नागरिक मुकदमेबाजी में अभियोग का सत्यापन करेगा। तलाक की कार्यवाही में, जॉन की सत्यापित याचिका की सामग्री को उनके तलाक के मामले का समर्थन करने के लिए साक्ष्य के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।