Section 145 of RA, 1989 : धारा 145: नशे या उपद्रव
The Railways Act 1989
Summary
यदि कोई व्यक्ति ट्रेन में नशे में है, अपमानजनक व्यवहार करता है, या जानबूझकर सुविधाओं में बाधा डालता है, तो उसे ट्रेन से हटाया जा सकता है। उसे छह महीने तक की जेल और 500 रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। पहले अपराध के लिए 100 रुपये का जुर्माना और दूसरे अपराध के लिए एक महीने की जेल और 250 रुपये का जुर्माना न्यूनतम दंड है।
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Explanation using Example
कल्पना कीजिए कि जॉन एक पार्टी में कई पेय लेने के बाद ट्रेन से यात्रा कर रहा है। यात्रा के दौरान, वह जोर से बोलने लगता है और अन्य यात्रियों के प्रति अपमानजनक भाषा का उपयोग करता है। उसका व्यवहार उसके आसपास के लोगों को असुविधा पहुंचा रहा है। एक रेलवे अधिकारी जॉन के व्यवहार को नोटिस करता है और कार्रवाई करने का निर्णय लेता है।
रेलवे अधिनियम, 1989 की धारा 145 के तहत, अधिकारी के पास जॉन को नशे में होने और अपमानजनक भाषा का उपयोग करने के कारण ट्रेन से हटाने का अधिकार है, जो अन्य यात्रियों के लिए उपद्रव का कारण बन रहा है। अधिकारी जॉन को सूचित करता है कि न केवल उसे ट्रेन से हटाया जा रहा है, बल्कि उसके आचरण के लिए कानूनी कार्रवाई का भी सामना करना पड़ सकता है।
जॉन को उसके कार्यों के लिए जुर्माना और संभवतः कारावास का सामना करना पड़ सकता है। यदि यह उसका पहला अपराध है, तो अदालत संभवतः एक सौ रुपये का न्यूनतम जुर्माना लगाएगी, लेकिन यदि उसे पहले भी इसी तरह के अपराधों के लिए दोषी ठहराया गया है, तो उसे एक महीने के न्यूनतम कारावास और दो सौ पचास रुपये के जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है।