Section 2 of POCSO : अनुभाग 2: परिभाषाएँ
The Protection Of Children From Sexual Offences Act 2012
Summary
यह अधिनियम बच्चों को यौन अपराधों से सुरक्षा प्रदान करता है। इसमें कई प्रमुख परिभाषाएँ दी गई हैं, जैसे कि "गंभीर प्रवेशनी यौन हमला", "गंभीर यौन हमला", और "बाल अश्लीलता"। यह स्पष्ट करता है कि "बालक" 18 वर्ष से कम आयु का कोई भी व्यक्ति है। कुछ शब्दों के अर्थ अन्य भारतीय कानूनों के अनुसार लिए जाते हैं। मामलों की सुनवाई विशेष न्यायालय में की जाती है।
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Explanation using Example
कल्पना करें कि एक 17 वर्षीय लड़की अपने सौतेले पिता से अपने घर में अवांछित यौन प्रस्तावों का सामना करती है। इस स्थिति में बच्चों को यौन अपराधों से सुरक्षा अधिनियम, 2012 की कई परिभाषाएँ लागू हो सकती हैं:
- यहाँ "बालक" शब्द लागू होता है क्योंकि लड़की अठारह वर्ष से कम आयु की है।
- सौतेले पिता की क्रियाएं "यौन हमला" या "यौन उत्पीड़न" के रूप में वर्गीकृत की जा सकती हैं, जो प्रस्तावों की प्रकृति पर निर्भर करता है।
- वह घर जहाँ प्रस्ताव दिए गए, उसे "संयुक्त परिवार" माना जा सकता है क्योंकि सौतेला पिता वहाँ रहता है और बालक के साथ घरेलू संबंध में है।
- अगर मामला न्यायालय में जाता है, तो यह "विशेष न्यायालय" में सुना जाएगा जो ऐसे अपराधों के लिए नामित है, और अभियोजन "विशेष लोक अभियोजक" द्वारा संचालित हो सकता है।
यह अधिनियम बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों के लिए विशिष्ट कानूनी शब्दावली प्रदान करता है, यह सुनिश्चित करते हुए कि कानूनी प्रणाली इन मामलों का उचित रूप से उत्तर दे सके।