Section 15 of OEA : धारा 15: उत्तराधिकार की पंक्ति से बाहर के व्यक्तियों को हस्तांतरण और वसीयत
The Oudh Estates Act 1869
Summary
संक्षिप्त सारांश: धारा 15 के अनुसार, यदि कोई तालुकदार या अनुदानकर्ता अपनी सम्पत्ति को किसी ऐसे व्यक्ति को देता है जो तालुकदार या अनुदानकर्ता नहीं है, और यह व्यक्ति इस अधिनियम के तहत स्वाभाविक रूप से सम्पत्ति का उत्तराधिकारी नहीं होता, तो सम्पत्ति का हस्तांतरण और उत्तराधिकार उसी प्रकार होगा जैसे कि नए मालिक ने सम्पत्ति को किसी गैर-तालुकदार या अनुदानकर्ता से खरीदा हो।
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Explanation using Example
कल्पना कीजिए कि श्री A एक तालुकदार हैं जो ओध में एक बड़ी सम्पत्ति के मालिक हैं। वह अपनी सम्पत्ति का एक भाग अपने मित्र श्री B को उपहार में देने का निर्णय लेते हैं, जो तालुकदार या अनुदानकर्ता नहीं है। ओध एस्टेट्स एक्ट, 1869 की धारा 15 के अनुसार, यदि श्री A ने सम्पत्ति को उपहार में दिए बिना और बिना वसीयत के निधन कर दिया होता, तो श्री B सामान्यतः सम्पत्ति के उत्तराधिकारी नहीं होते। इसलिए, श्री B को उपहार के रूप में सम्पत्ति का हस्तांतरण उसी नियमों के अनुसार होना चाहिए जैसे कि श्री B ने उस सम्पत्ति का वह भाग किसी ऐसे व्यक्ति से खरीदा होता जो तालुकदार या अनुदानकर्ता नहीं है। इसका मतलब है कि सामान्य हस्तांतरण और उत्तराधिकार के नियम, जैसे कि संपत्ति हस्तांतरण अधिनियम या भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम, इस उपहार पर लागू होंगे।