Section 88 of ITA, 2000 : अनुभवी समिति का गठन
The Information Technology Act 2000
Summary
इस अधिनियम के प्रारंभ के बाद, भारतीय सरकार साइबर विनियम सलाहकार समिति का गठन करेगी। इस समिति में अध्यक्ष और अन्य सदस्य होंगे, जिन्हें सरकार द्वारा चुना जाएगा। इनका कार्य सरकार को इस अधिनियम के नियमों और अन्य संबंधित विषयों पर सलाह देना होगा। गैर-सरकारी सदस्यों को यात्रा और अन्य खर्चों के लिए भत्ता मिलेगा।
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Explanation using Example
मान लें कि भारत की केंद्रीय सरकार वित्त में ब्लॉकचेन तकनीक के उपयोग के लिए नए नियम पेश करने का निर्णय लेती है। सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 88 के अनुसार, सरकार पहले साइबर विनियम सलाहकार समिति का गठन करेगी। इस समिति में अध्यक्ष और अन्य सदस्य होंगे, जो सरकारी और गैर-सरकारी दोनों हो सकते हैं, और जिनके पास इस विषय, यानी ब्लॉकचेन तकनीक में ज्ञान या हित हो सकते हैं।
इन सदस्यों में वित्तीय संस्थानों, प्रौद्योगिकी कंपनियों, शैक्षणिक संस्थानों, और यहां तक कि उपभोक्ता समूहों के प्रतिनिधि शामिल हो सकते हैं। उनका कार्य प्रस्तावित नियमों के बारे में केंद्रीय सरकार को सलाह देना होगा। इसके अलावा, वे इस अधिनियम के तहत नियमों का निर्माण करते समय नियंत्रक को भी सलाह देंगे।
अपनी सेवाओं के लिए, समिति के गैर-सरकारी सदस्यों को केंद्रीय सरकार द्वारा निर्धारित यात्रा और अन्य भत्ते दिए जाएंगे।