Section 69A of ITA, 2000 : अनुभाग 69ए: किसी भी कंप्यूटर संसाधन के माध्यम से किसी भी सूचना को सार्वजनिक पहुंच के लिए अवरोधित करने के निर्देश जारी करने की शक्ति

The Information Technology Act 2000

Summary

इस अनुच्छेद के अनुसार, अगर भारत सरकार या एक अधिकृत अधिकारी को ऐसा जरूरी लगे, तो वे सुरक्षा, संप्रभुता और लोक व्यवस्था के हित में लिखित कारणों के साथ किसी सूचना को ऑनलाइन ब्लॉक करने का आदेश दे सकते हैं। इस प्रक्रिया का पालन करने के लिए विशेष नियम और उपाय होंगे। अगर कोई सेवा प्रदाता इस आदेश का पालन नहीं करता, तो उसे सात साल तक की जेल और जुर्माना हो सकता है।

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Explanation using Example

अनुभाग 69ए के समझने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 का एक काल्पनिक परिदृश्य मानते हैं। कल्पना करें कि एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक समूह है जो हिंसा और राष्ट्रविरोधी भावनाओं को बढ़ावा दे रहा है। यह समूह अपने अनुयायियों को ऐसे कार्य करने के लिए उकसा रहा है जो भारत की संप्रभुता और अखंडता को खतरे में डालते हैं, और इस प्रकार लोक व्यवस्था के लिए खतरा बन रहे हैं।

इस मामले में, केंद्रीय सरकार, आवश्यकता का संतोष प्राप्त करने पर, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (जो एक बिचौलिया माना जाता है) को इस समूह की सूचना को सार्वजनिक के लिए अवरोधित करने का आदेश जारी कर सकती है। यह निर्णय लिखित में दर्ज किया जाएगा और निर्धारित प्रक्रिया और सुरक्षा उपायों का पालन करते हुए लागू किया जाएगा। यदि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इस आदेश का पालन करने में विफल रहता है, तो उसे उपखंड (3) के अनुसार सात वर्ष तक की कारावास और जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है।