Section 66C of ITA, 2000 : धारा 66C: पहचान की चोरी के लिए दंड

The Information Technology Act 2000

Summary

यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर किसी अन्य व्यक्ति के इलेक्ट्रॉनिक हस्ताक्षर, पासवर्ड, या अन्य विशेष पहचान का उपयोग धोखा देने के लिए करता है, तो उसे तीन वर्ष तक की जेल हो सकती है और एक लाख रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है।

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Explanation using Example

मान लीजिए कि जॉन एक ऑनलाइन बैंकिंग उपयोगकर्ता है। एक दिन, उसका मित्र मार्क, जो जॉन के लॉगिन क्रेडेंशियल्स के बारे में जानता है, जॉन की सहमति के बिना उनका उपयोग करने का निर्णय करता है। मार्क जॉन के ऑनलाइन बैंकिंग खाते में लॉगिन करता है और एक धोखाधड़ी लेन-देन करता है। इस मामले में, मार्क ने जॉन के इलेक्ट्रॉनिक हस्ताक्षर (उसके लॉगिन क्रेडेंशियल्स) का कपटपूर्वक उपयोग किया है जो एक विशेष पहचान विशेषता है। सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 66C के अनुसार, मार्क को तीन वर्ष तक की कारावास की सजा दी जा सकती है और एक लाख रुपये तक के जुर्माने का भी दायित्व हो सकता है।