Section 55 of ITA, 2000 : अनुच्छेद 55: अपीलीय अधिकरण की स्थापना के आदेश अंतिम होंगे और इसकी कार्यवाही को अवैध नहीं बनाएंगे

The Information Technology Act 2000

Summary

इस धारा का सार यह है कि केंद्रीय सरकार द्वारा किसी व्यक्ति को अपीलीय अधिकरण का अध्यक्ष या सदस्य नियुक्त करने के बाद, उस निर्णय को चुनौती नहीं दी जा सकती। साथ ही, अपीलीय अधिकरण की कार्यवाही या निर्णय को केवल इस आधार पर प्रश्नगत नहीं किया जा सकता कि अधिकरण की स्थापना में कोई मामूली दोष था।

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Explanation using Example

इसको बेहतर समझने के लिए एक काल्पनिक परिदृश्य पर विचार करें। मान लीजिए, श्री राज को केंद्रीय सरकार द्वारा अपीलीय अधिकरण के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया जाता है। बाद में, अधिकरण के समक्ष एक मामला आता है, और विरोधी पक्ष श्री राज की नियुक्ति को प्रश्नगत करता है, यह आरोप लगाते हुए कि उनके पास आवश्यक योग्यता या अनुभव नहीं है। सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 55 के अनुसार, विरोधी पक्ष श्री राज की नियुक्ति को किसी भी प्रकार से प्रश्नगत नहीं कर सकता। इसका मतलब है कि मामला अपनी मेरिट के आधार पर आगे बढ़ना चाहिए और अधिकरण की स्थापना के बारे में तर्कों से बाधित नहीं किया जा सकता।