Section 42 of ITA, 2000 : धारा 42: निजी कुंजी का नियंत्रण
The Information Technology Act 2000
Summary
धारा 42 के तहत, यदि आपके पास डिजिटल हस्ताक्षर है, तो आपको अपनी निजी कुंजी को सुरक्षित और गुप्त रखने के लिए सावधानी बरतनी होगी। यदि आपकी निजी कुंजी से समझौता होता है, तो आपको इसे तुरंत प्रमाणन प्राधिकरण को सूचित करना होगा। जब तक आप सूचना नहीं देते, तब तक किसी भी दुरुपयोग के लिए आप उत्तरदायी होंगे।
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Explanation using Example
मान लीजिए जॉन, जो एक डिजिटल हस्ताक्षर प्रमाणपत्र का ग्राहक है। वह इसका उपयोग आधिकारिक दस्तावेजों पर डिजिटल हस्ताक्षर करने के लिए करता है। सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 42(1) के अनुसार, जॉन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वह अपने डिजिटल हस्ताक्षर की निजी कुंजी को सुरक्षित रखने के लिए उचित उपाय करता है। इसका मतलब हो सकता है कि वह इसे सुरक्षित स्थान पर संग्रहीत करता है या मजबूत, अद्वितीय पासवर्ड का उपयोग करता है।
एक दिन, जॉन अपने डिजिटल हस्ताक्षर से संबंधित कुछ संदिग्ध गतिविधि देखता है। उसे संदेह है कि उसकी निजी कुंजी से समझौता किया गया हो सकता है। धारा 42(2) के अनुसार, जॉन तुरंत अपनी निजी कुंजी के संभावित समझौते के बारे में अपने प्रमाणन प्राधिकरण को सूचित करता है। वह ऐसा उनके नियमों के अनुसार एक आधिकारिक ईमेल भेजकर करता है।
हालांकि, जब तक जॉन ने प्रमाणन प्राधिकरण को समझौते के बारे में सूचित नहीं किया था, तब तक उसकी निजी कुंजी के समझौते के कारण किसी भी दुरुपयोग के लिए वह उत्तरदायी होगा। यह धारा 42 की व्याख्या में स्पष्ट किया गया है।