Section 24 of ITA, 2000 : धारा 24: लाइसेंस प्रदान करने या अस्वीकार करने की प्रक्रिया
The Information Technology Act 2000
Summary
धारा 24 के अनुसार, नियंत्रक डिजिटल हस्ताक्षर प्रमाणपत्र के लिए आवेदन को मंजूरी या अस्वीकार कर सकता है। यह निर्णय आवेदन के साथ प्रस्तुत दस्तावेजों और अन्य महत्वपूर्ण कारकों को ध्यान में रखते हुए लिया जाता है। आवेदन को अस्वीकार करने से पहले आवेदक को अपना मामला प्रस्तुत करने का उचित अवसर दिया जाना आवश्यक है।
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Explanation using Example
आइए एक काल्पनिक परिदृश्य पर विचार करें जहां XYZ टेक नामक एक कंपनी ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 21 के तहत डिजिटल हस्ताक्षर सेवाएं प्रदान करने के लिए लाइसेंस के लिए आवेदन किया है। नियंत्रक, आवेदन प्राप्त होने पर, XYZ टेक द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों की समीक्षा करता है। नियंत्रक अन्य कारकों जैसे कि कंपनी का पिछला प्रदर्शन, इसकी तकनीकी क्षमताएं, और बाजार में ऐसी सेवा की आवश्यकता को भी ध्यान में रखता है।
यदि नियंत्रक पाता है कि XYZ टेक सभी आवश्यकताओं को पूरा करता है, तो वह लाइसेंस प्रदान कर सकता है। हालांकि, यदि कोई मुद्दे या चिंताएं हैं, तो नियंत्रक केवल आवेदन को अस्वीकार नहीं कर सकता। धारा 24 के प्रावधान के अनुसार, नियंत्रक को XYZ टेक को अपना मामला प्रस्तुत करने का उचित अवसर प्रदान करना होगा - इसमें किसी भी संदेह को स्पष्ट करना, अतिरिक्त दस्तावेज प्रदान करना, या नियंत्रक द्वारा उठाई गई किसी भी चिंता का समाधान करना शामिल हो सकता है। केवल इस प्रक्रिया के बाद लाइसेंस प्रदान या अस्वीकार करने का अंतिम निर्णय लिया जा सकता है।