Section 7 of IPA : अनुभाग 7: इच्छानुसार साझेदारी

The Indian Partnership Act 1932

Summary

यदि साझेदार यह तय नहीं करते कि उनकी साझेदारी कितने समय तक चलेगी या इसे कैसे समाप्त किया जाएगा, तो इसे "इच्छानुसार साझेदारी" कहा जाता है। इसका अर्थ है कि वे अपनी साझेदारी को कभी भी समाप्त कर सकते हैं।

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Explanation using Example

कल्पना करें कि रीता, जॉन, और सुरेश मिलकर हस्तनिर्मित मोमबत्तियां बेचने का व्यवसाय शुरू करने का निर्णय लेते हैं। वे मौखिक रूप से लाभ साझा करने और एक साथ काम करने पर सहमत होते हैं, लेकिन वे यह चर्चा नहीं करते कि वे कितने समय तक व्यवसाय में रहेंगे या किस परिस्थिति में वे साझेदारी समाप्त कर सकते हैं। चूंकि उन्होंने अपनी साझेदारी की अवधि या निर्धारण के लिए कोई शर्तें निर्धारित नहीं की हैं, इसलिए उनके व्यवसाय को भारतीय साझेदारी अधिनियम, 1932 के अंतर्गत "इच्छानुसार साझेदारी" माना जाता है। इसका मतलब है कि कोई भी साझेदार किसी भी समय साझेदारी छोड़ने का निर्णय कर सकता है, बिना किसी विशेष कारण या घटना की आवश्यकता के।