Section 71 of BNS : धारा 71: पुनरावृत्ति अपराधियों के लिए दंड।
The Bharatiya Nyaya Sanhita 2023
Summary
यदि कोई व्यक्ति पहले धारा 64, 65, 66, या 70 के अंतर्गत अपराध के लिए दोषी ठहराया गया है और फिर से इन धाराओं में से किसी के अंतर्गत दोषी पाया जाता है, तो उसे बहुत गंभीर सजा का सामना करना पड़ेगा। यह सजा या तो आजीवन कारावास होगी, जिसका अर्थ है कि वह अपने जीवन के शेष भाग को जेल में बिताएगा, या मृत्यु दंड।
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Explanation using Example
उदाहरण 1:
रवि को भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 64 के अंतर्गत एक गंभीर यौन अपराध के लिए दोषी ठहराया गया। उसने 10 साल की जेल की सजा काटी और रिहा हो गया। रिहाई के दो साल बाद, रवि को धारा 65 के अंतर्गत एक समान अपराध के लिए फिर से दोषी ठहराया गया। धारा 71 के अनुसार, चूंकि रवि एक पुनरावृत्ति अपराधी है, उसे अब आजीवन कारावास की सजा दी जाती है, जिसका अर्थ है कि वह अपने प्राकृतिक जीवन के शेष भाग को जेल में बिताएगा।
उदाहरण 2:
सुनील को पहले धारा 66 के अंतर्गत एक बालक के खिलाफ यौन अपराध के लिए दोषी ठहराया गया और उसने 15 साल की सजा काटी। रिहाई के बाद, उसे धारा 70 के अंतर्गत एक महिला के खिलाफ एक और यौन अपराध के लिए फिर से दोषी ठहराया गया। चूंकि सुनील निर्दिष्ट धाराओं के अंतर्गत एक पुनरावृत्ति अपराधी है, धारा 71 के अनुसार उसे या तो अपने प्राकृतिक जीवन के शेष भाग के लिए आजीवन कारावास या मृत्यु दंड की सजा दी जानी चाहिए। अदालत, उसके बार-बार के गंभीर अपराधों की गंभीरता को देखते हुए, उसे आजीवन कारावास की सजा देती है।