Section 484 of BNSS : धारा 484: बांड की राशि और उसका कमीकरण।

The Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita 2023

Summary

इस धारा के अनुसार, बांड की राशि मामले की विशेष परिस्थितियों के अनुसार तय की जानी चाहिए और अत्यधिक नहीं होनी चाहिए। उच्च न्यायालय या सत्र न्यायालय पुलिस अधिकारी या मजिस्ट्रेट द्वारा निर्धारित जमानत राशि को कम कर सकता है।

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Explanation using Example

उदाहरण 1:

राजेश पर एक छोटे चोरी का आरोप है और पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया जाता है। मजिस्ट्रेट जमानत राशि ₹50,000 तय करते हैं। राजेश के परिवार को यह राशि उनकी आर्थिक स्थिति के अनुसार अत्यधिक लगती है। वे उच्च न्यायालय में अपनी आर्थिक बाधाओं और अपराध की मामूली प्रकृति को समझाते हुए अपील करते हैं। उच्च न्यायालय परिस्थितियों की समीक्षा करता है और जमानत राशि को ₹10,000 तक कम करने का निर्देश देता है, जिससे राजेश के परिवार के लिए उनकी रिहाई सुनिश्चित करना अधिक सुलभ हो जाता है।

उदाहरण 2:

प्रिया को एक अहिंसक विरोध के लिए गिरफ्तार किया जाता है और पुलिस अधिकारी उसकी जमानत ₹1,00,000 निर्धारित करता है। प्रिया का वकील तर्क करता है कि अपराध की अहिंसक प्रकृति और प्रिया के स्वच्छ रिकॉर्ड के मद्देनज़र यह राशि अत्यधिक है। वकील सत्र न्यायालय में आवेदन दाखिल करता है। मामले के विवरण की समीक्षा के बाद, सत्र न्यायालय सहमत होता है कि जमानत राशि बहुत अधिक है और इसे ₹20,000 तक कम करने का आदेश देता है, जिससे प्रिया को बिना अत्यधिक वित्तीय बोझ के जमानत पर रिहा किया जा सके।