Section 174 of AA 1950 : धारा 174: जुर्माने की सजा का निष्पादन

The Army Act 1950

Summary

यदि किसी सैन्य अदालत (कोर्ट-मार्शल) द्वारा धारा 69 के तहत जुर्माना लगाया जाता है, तो इसकी पुष्टि अधिकारी द्वारा प्रमाणित प्रति भारत के किसी मजिस्ट्रेट को भेजी जा सकती है। यह मजिस्ट्रेट दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 के नियमों के अनुसार जुर्माना वसूलेगा, जैसे कि यह जुर्माना उसने स्वयं लगाया हो।

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Explanation using Example

कल्पना करें कि एक सेना अधिकारी, जो कश्मीर में तैनात है, सेना अधिनियम, 1950 की धारा 69 के तहत एक अपराध के लिए कोर्ट-मार्शल द्वारा दोषी ठहराया गया है और जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई गई है। पुष्टि अधिकारी द्वारा सजा पर हस्ताक्षर और प्रमाणन किया जाता है। चूंकि अधिकारी स्वेच्छा से जुर्माना अदा नहीं करता, इसलिए सजा की प्रमाणित प्रति दिल्ली के एक नागरिक मजिस्ट्रेट को भेजी जाती है, जहाँ अधिकारी की संपत्ति या बैंक खाते स्थित हैं। दिल्ली का मजिस्ट्रेट तब जुर्माने की वसूली लागू करने के लिए जिम्मेदार होता है, इसे ऐसे मानते हुए जैसे कि यह जुर्माना सीधे नागरिक अदालत द्वारा लगाया गया हो, और दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 के अनुसार कार्यवाही करता है। मजिस्ट्रेट संहिता के अंतर्गत उपलब्ध प्रक्रियाओं का उपयोग करके सुनिश्चित करता है कि जुर्माना अधिकारी की दिल्ली में स्थित संपत्तियों से वसूला जाए।