Section 456 of IPC : धारा 456: रात्रि के समय घर में घुसपैठ या घर में तोड़फोड़ के लिए दंड

The Indian Penal Code 1860

Summary

यदि कोई व्यक्ति रात में चुपके से घर में घुसता है या घर में तोड़फोड़ करता है, तो उसे तीन वर्ष तक की कैद और जुर्माने की सजा हो सकती है।

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Explanation using Example

उदाहरण 1:

रवि, जो मुंबई का निवासी है, आधी रात को अपने पड़ोसी के घर में कीमती सामान चुराने के इरादे से घुसने का निर्णय करता है। वह तब तक इंतजार करता है जब तक कि लाइटें बंद नहीं हो जातीं और परिवार सो नहीं जाता। फिर वह चुपचाप एक खिड़की तोड़कर घर में प्रवेश करता है। हालांकि, शोर सुनकर गृहस्वामी जाग जाता है और पुलिस को बुलाता है। रवि को घर के अंदर रंगे हाथों पकड़ा जाता है। भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 456 के तहत, रवि पर रात्रि के समय घर में तोड़फोड़ का आरोप लगाया जाता है और उसे तीन साल तक की कैद और संभावित जुर्माने का सामना करना पड़ता है।

उदाहरण 2:

प्रिया, जो दिल्ली में रहती है, की आदत है कि वह अपने पूर्व प्रेमी के घर रात में चुपके से जाकर उस पर नजर रखती है। वह बगीचे में छिप जाती है जब तक कि सब सो नहीं जाते और फिर एक अनलॉक बैक डोर के माध्यम से घर में प्रवेश करती है। एक रात, उसके पूर्व प्रेमी की बहन उसे देख लेती है और पुलिस को बुलाती है। प्रिया को रात्रि के समय घर में छिपकर घुसपैठ करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया जाता है। भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 456 के अनुसार, प्रिया को तीन साल तक की कैद की सजा हो सकती है और उसे जुर्माना भी देना पड़ सकता है।