Rule 8 of CPC : नियम 8: अनुबंध का अस्वीकरण।
The Code Of Civil Procedure 1908
Summary
यदि किसी वादपत्र में अनुबंध का दावा किया जाता है और प्रतिपक्षी बस इसका खंडन करता है, तो यह खंडन केवल अनुबंध के अस्तित्व या उससे जुड़े तथ्यों के तथ्यात्मक खंडन के रूप में लिया जाएगा। यह खंडन अनुबंध की वैधता या कानूनी पर्याप्तता पर प्रश्न नहीं उठाएगा।
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Explanation using Example
उदाहरण 1:
परिदृश्य: रमेश ने सुरेश पर मुकदमा किया, दावा करते हुए कि सुरेश ने ₹10 लाख में उसे एक जमीन बेचने का वादा किया था और बाद में बिक्री को पूरा करने से इनकार कर दिया।
रमेश का वादपत्र: रमेश अपने वादपत्र में आरोप लगाता है कि उसके और सुरेश के बीच जमीन की बिक्री के लिए अनुबंध था।
सुरेश की प्रतिक्रिया: सुरेश एक लिखित बयान दायर करते हुए ऐसे किसी अनुबंध के अस्तित्व से इनकार करता है।
नियम 8 का अनुप्रयोग: नियम 8 के अनुसार, सुरेश का इनकार यह माना जाएगा कि अनुबंध वास्तव में किया गया या जिन तथ्यों से अनुबंध अनुमानित हो सकता है, उनका अस्वीकरण है। इसे अनुबंध की वैधता या पर्याप्तता का अस्वीकरण नहीं माना जाएगा।
परिणाम: अदालत इस बात पर ध्यान केंद्रित करेगी कि अनुबंध वास्तव में किया गया था या नहीं, या क्या तथ्यों से ऐसे अनुबंध का अस्तित्व सिद्ध होता है, बजाय इसके कि इस चरण में अनुबंध की कानूनी वैधता पर प्रश्न उठाया जाए।
उदाहरण 2:
परिदृश्य: प्रिया अपने व्यापारिक साथी अनिल पर मुकदमा करती है, दावा करते हुए कि उनके पास एक मौखिक समझौता था कि वे अपने संयुक्त उद्यम से होने वाले लाभ को समान रूप से साझा करेंगे, लेकिन अनिल ने इस समझौते का पालन नहीं किया।
प्रिया का वादपत्र: प्रिया अपने वादपत्र में आरोप लगाती है कि उसके और अनिल के बीच लाभ को समान रूप से साझा करने का मौखिक अनुबंध था।
अनिल की प्रतिक्रिया: अनिल एक लिखित बयान दायर करते हुए बस यह अस्वीकार करता है कि ऐसा कोई मौखिक समझौता मौजूद था।
नियम 8 का अनुप्रयोग: नियम 8 के अंतर्गत, अनिल का अस्वीकरण यह माना जाएगा कि मौखिक समझौता वास्तव में किया गया था या जिन तथ्यों से ऐसा समझौता अनुमानित हो सकता है, उनका अस्वीकरण है। इसे यह नहीं माना जाएगा कि ऐसा मौखिक समझौता कानूनी रूप से लागू करने योग्य है या नहीं।
परिणाम: अदालत इस बात की जांच करेगी कि वास्तव में कोई मौखिक समझौता था या नहीं, या क्या परिस्थितियों से ऐसा समझौता अनुमानित होता है, बिना इस बिंदु पर समझौते की कानूनी प्रभावशीलता की जांच किए।