Section 110 of BSA : धारा 110: उस व्यक्ति की मृत्यु का प्रमाण देने का भार जो व्यक्ति तीस वर्षों के भीतर जीवित होने के लिए जाना जाता है।
The Bharatiya Sakshya Adhiniyam 2023
Summary
यदि यह तय करना है कि कोई व्यक्ति जीवित है या मृत, और यह साबित होता है कि वह व्यक्ति पिछले तीस वर्षों में कभी जीवित था, तो यह प्रमाण देने की जिम्मेदारी उस व्यक्ति पर होती है जो दावा करता है कि वह व्यक्ति मृत है।
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Explanation using Example
उदाहरण 1:
रवि, एक व्यवसायी, को 1995 में मुंबई में आखिरी बार जीवित देखा गया था। 2023 में, उसका परिवार उसकी संपत्ति को निपटाने के लिए उसे कानूनी रूप से मृत घोषित करना चाहता है। भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 की धारा 110 के अनुसार, चूंकि रवि को पिछले तीस वर्षों के भीतर जीवित होने के लिए जाना जाता था, इसलिए यह प्रमाण देने का भार उसके परिवार पर है कि वह मृत है। उन्हें अपनी दावे को समर्थन देने के लिए मृत्यु प्रमाण पत्र या अन्य ठोस प्रमाण प्रस्तुत करने होंगे कि रवि अब जीवित नहीं है।
उदाहरण 2:
मीना, दिल्ली की निवासी, को 2000 में आखिरी बार जीवित होने के लिए जाना गया था। 2029 में, उसका पति उसे मृत घोषित करने के लिए अदालत में याचिका दायर करता है ताकि वह पुनर्विवाह कर सके। भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 की धारा 110 के तहत, चूंकि मीना को पिछले तीस वर्षों के भीतर जीवित होने के लिए जाना जाता था, उसके पति को यह प्रमाण देना होगा कि वह मृत है। इसमें पुलिस रिपोर्ट, गवाह के बयान, या उसके मृत्यु के दावे का समर्थन करने वाले किसी अन्य दस्तावेज को प्रस्तुत करना शामिल हो सकता है।