Section 53 of BSA : अनुभाग 53: स्वीकार किए गए तथ्यों को साबित करने की आवश्यकता नहीं है।

The Bharatiya Sakshya Adhiniyam 2023

Summary

किसी भी कानूनी कार्यवाही में, यदि दोनों पक्ष या उनके प्रतिनिधि सुनवाई के दौरान किसी तथ्य को स्वीकार करते हैं, या सुनवाई से पहले लिखित रूप में स्वीकार करते हैं, या नियमों के अनुसार दलीलों में स्वीकार करते हैं, तो उस तथ्य को साबित करने की आवश्यकता नहीं होती है। हालांकि, अदालत अपनी विवेकाधिकार में इन स्वीकारों के अलावा अन्य तरीके से प्रमाण की मांग कर सकती है।

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Explanation using Example

उदाहरण 1:

परिदृश्य: संपत्ति विवाद

संदर्भ: राज और सिमरन एक भूमि के टुकड़े पर संपत्ति विवाद में शामिल हैं। अदालत की कार्यवाही के दौरान, दोनों पक्ष लिखित रूप में सहमत होते हैं कि विवादित भूमि उनके दादा द्वारा खरीदी गई थी और वे कानूनी उत्तराधिकारी हैं।

अनुभाग 53 का अनुप्रयोग: चूंकि राज और सिमरन ने लिखित रूप में स्वीकार किया है कि भूमि उनके दादा द्वारा खरीदी गई थी और वे कानूनी उत्तराधिकारी हैं, इस तथ्य को अदालत में साबित करने की आवश्यकता नहीं है। अदालत इस स्वीकार के आधार पर मामले की सुनवाई कर सकती है, जब तक कि वह अपनी विवेकाधिकार में आगे के प्रमाण की आवश्यकता न करे।

उदाहरण 2:

परिदृश्य: अनुबंध का उल्लंघन

संदर्भ: एक कंपनी, XYZ Pvt. Ltd., और एक आपूर्तिकर्ता, ABC Traders, अनुबंध के उल्लंघन पर कानूनी विवाद में हैं। सुनवाई के दौरान, दोनों पक्ष सहमत होते हैं कि अनुबंध 1 जनवरी 2022 को हस्ताक्षरित हुआ था और इसमें प्रति माह 100 इकाइयों की आपूर्ति का कार्यक्रम शामिल था।

अनुभाग 53 का अनुप्रयोग: चूंकि XYZ Pvt. Ltd. और ABC Traders ने सुनवाई के दौरान इन तथ्यों को स्वीकार किया है, इन तथ्यों को अदालत में साबित करने की आवश्यकता नहीं है। अदालत इन स्वीकारों पर भरोसा कर सकती है ताकि वास्तविक अनुबंध उल्लंघन मुद्दे पर ध्यान केंद्रित किया जा सके, जब तक कि वह आगे के प्रमाण की आवश्यकता न करे।

उदाहरण 3:

परिदृश्य: व्यक्तिगत चोट का दावा

संदर्भ: प्रिया एक ड्राइवर, अर्जुन के खिलाफ 15 मार्च 2023 को हुई दुर्घटना के लिए व्यक्तिगत चोट का दावा करती है। दोनों पक्ष अपनी दलीलों में सहमत होते हैं कि दुर्घटना एमजी रोड और ब्रिगेड रोड के चौराहे पर हुई थी।

अनुभाग 53 का अनुप्रयोग: चूंकि प्रिया और अर्जुन ने अपनी दलीलों में स्वीकार किया है कि दुर्घटना निर्दिष्ट स्थान पर हुई थी, इस तथ्य को अदालत में साबित करने की आवश्यकता नहीं है। अदालत इस स्वीकार के आधार पर उत्तरदायित्व और हर्जाना निर्धारित करने की सुनवाई कर सकती है, जब तक कि वह आगे के प्रमाण की आवश्यकता न करे।

उदाहरण 4:

परिदृश्य: ऋण समझौता

संदर्भ: सुरेश अपने मित्र, रमेश के खिलाफ ऋण न चुकाने के लिए मुकदमा करता है। सुनवाई के दौरान, दोनों पक्ष सहमत होते हैं कि रमेश ने 1 जून 2022 को सुरेश से ₹50,000 उधार लिए थे और इसे छह महीने के भीतर चुकाने का वादा किया था।

अनुभाग 53 का अनुप्रयोग: चूंकि सुरेश और रमेश ने सुनवाई के दौरान इन तथ्यों को स्वीकार किया है, इन तथ्यों को अदालत में साबित करने की आवश्यकता नहीं है। अदालत इस पर ध्यान केंद्रित कर सकती है कि रमेश ने ऋण चुकाया है या नहीं, जब तक कि वह आगे के प्रमाण की आवश्यकता न करे।

उदाहरण 5:

परिदृश्य: रोजगार विवाद

संदर्भ: एक कर्मचारी, अंजलि, अपने नियोक्ता, DEF Corp., के खिलाफ अनुचित समाप्ति के लिए मामला दर्ज करती है। दोनों पक्ष लिखित रूप में सहमत होते हैं कि अंजलि 1 जनवरी 2020 से 31 दिसंबर 2022 तक कार्यरत थी।

अनुभाग 53 का अनुप्रयोग: चूंकि अंजलि और DEF Corp. ने लिखित रूप में इन रोजगार तिथियों को स्वीकार किया है, इन तथ्यों को अदालत में साबित करने की आवश्यकता नहीं है। अदालत समाप्ति के कारणों की जांच कर सकती है, जब तक कि वह आगे के प्रमाण की आवश्यकता न करे।